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अगर तुम को मुझ से मोहब्बत न होती - क़ैसर उस्मानी कविता - Darsaal

अगर तुम को मुझ से मोहब्बत न होती

अगर तुम को मुझ से मोहब्बत न होती

ये सौदा न होता ये वहशत न होती

जो हुस्न-ए-नज़र कार-फ़रमा न होता

जहाँ में कोई अच्छी सूरत न होती

बुतों से अगर होती ख़ाली ये दुनिया

ख़ुदा की भी कोई हक़ीक़त न होती

तेरी याद के साथ आते न आँसू

अगर मुझ को तुझ से मोहब्बत न होती

जो होता न मैं कुश्ता-ए-इश्क़ 'क़ैसर'

ये सूरत न होती ये हालत न होती

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In Hindi By Famous Poet Qaisar Usmani. is written by Qaisar Usmani. Complete Poem in Hindi by Qaisar Usmani. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.