मौत की सुन के ख़बर प्यार जताने आए
मौत की सुन के ख़बर प्यार जताने आए
रूठने दुनिया से जो हम यार मनाने आए
अच्छे दिन आए तो मैं ने ये तमाशा देखा
मेरे दुश्मन भी गले मुझ को लगाने आए
आज मिल कर मिरे दुश्मन का पता पूछते हैं
मुझ से मिलने वो न मिलने के बहाने आए
दर्द-ओ-ग़म और उदासी के सिवा कौन आता
जिन को भेजा था मिरे घर में ख़ुदा ने आए
फूल ही फूल खिले जिन की बदौलत ऐ दोस्त
उन के हिस्से में न फूलों के ख़ज़ाने आए
एधी वालों के सिवा कोई नहीं था उस का
लोग मुफ़्लिस का जनाज़ा न उठाने आए
रो दिए वो भी मिरी मौत के ब'अद ऐ 'पुरनम'
याद जब मेरी वफ़ाओं के फ़साने आए
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