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किसी के साथ गया मुद्दतें गुज़ार आया - प्रियदर्शी ठाकुर ‘ख़याल’ कविता - Darsaal

किसी के साथ गया मुद्दतें गुज़ार आया

किसी के साथ गया मुद्दतें गुज़ार आया

बड़े दिनों में कहीं जा के फिर क़रार आया

नहीं है ख़्वाब ये सच है न ए'तिबार आया

ये क्या हुआ कि उन्हें और मुझ पे प्यार आया

गया था आँखों में उम्मीद की किरन ले कर

मैं उस के शहर से लौटा तो अश्क-बार आया

वो था जहाज़ का पंछी न मैं जहाज़ कोई

न काम सब्र ही आया न इंतिज़ार आया

फ़राज़-ए-कोह का रस्ता भी था कड़ा लेकिन

'ख़याल' काँप उठी रूह जब उतार आया

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In Hindi By Famous Poet Priyadarshi Thakur 'Khayal'. is written by Priyadarshi Thakur 'Khayal'. Complete Poem in Hindi by Priyadarshi Thakur 'Khayal'. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.