प्रियदर्शी ठाकुर ‘ख़याल’ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का प्रियदर्शी ठाकुर ‘ख़याल’
नाम | प्रियदर्शी ठाकुर ‘ख़याल’ |
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अंग्रेज़ी नाम | Priyadarshi Thakur 'Khayal' |
जन्म की तारीख | 1946 |
बिस्लेरी
अँधेरा
आँसू
यही होता है अक्सर ज़िंदगी में
रात दिन सुब्ह ओ शाम लिखता हूँ
न खेल अब खेल तो मेरे यक़ीं से
मिरा अंदाज़ा ग़लत हो तो बता दे मुझ को
किसी के साथ गया मुद्दतें गुज़ार आया
फ़ासला दैर-ओ-हरम के दरमियाँ रह जाएगा
बारे ग़म कुछ हल्का होता
अभी तक उस को मिरा इंतिज़ार है शायद
अब घटाएँ सियाह हल्की हैं