Qitas of Prem Warbartani
नाम | प्रेम वारबर्टनी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Prem Warbartani |
तेरी ख़ुश-रंग चूड़ियाँ अब तक
सुर्ख़ होंटों की ताज़गी के लिए
सनसनाती हुई हवा की तरह
रात बोझल भी है भयानक भी
फिर बजे मेरे ख़यालों में सुनहरे कंगन
ओस में भीगी हुई तन्हाइयों के जिस्म से
न अहल-ए-मय-कदा ने मुस्कुरा कर बात की हम से
मैं ने देखा जब आदमी का लहू
कितने सपनों के मुकुट टूट गए इक पल में
कितने पाकीज़ा हैं नौ-ख़ेज़ जवानी के कलस
झुक गईं मिल के अजनबी आँखें
झिलमिलाते हुए सपनों का स्वयंवर बन कर
हाथ जो बहर-ए-दुआ उठे हैं झुक जाएँगे
दूर पीपल की बूढ़ी शाख़ों में
दीदा-ए-दिल को यूँ नज़र आया
बहुत मुख़्तसर सा तआ'रुफ़ है मेरा
अपने माथे पर सजाए हुए संदल का तिलक
आज है अहल-ए-मोहब्बत का मुक़द्दस त्यौहार