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गर्लफ्रेंड - प्रेम वारबर्टनी कविता - Darsaal

गर्लफ्रेंड

सुरमई रेत की पगडंडी पर

संग-ए-मरमर की चटानों का दिल-आवेज़ शबाब

शाम के शोला-नफ़स रंग में तहलील हुआ

हाथ में हाथ लिए बढ़ते रहे दो साए

और ख़ामोश चनारों की सुलगती आँखें

महव-ए-दीदार रहीं

दो जवाँ ख़्वाब, खुले जिस्म, बरहना जामे

एक ही लय में धड़कते हुए दो हंगामे

जाम थे हाथ में दोनों के मगर आँखों में

एक मचला हुआ अरमान था मद-होशी का

क्या जुनूँ-ख़ेज़ नज़ारा था हम-आग़ोशी का

लज़्ज़त-ए-वस्ल से सरशार थे दीवाने दो

दफ़अतन दूर जूँही शाम ढले दीप जले

कोई बिखरी हुई ज़ुल्फ़ों को झटक कर बोला

मुझ को मिलना है किसी और से भी जाने दो

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In Hindi By Famous Poet Prem Warbartani. is written by Prem Warbartani. Complete Poem in Hindi by Prem Warbartani. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.