अम्माँ से मिले बीवी के ज़ेवर की तरह है
अम्माँ से मिले बीवी के ज़ेवर की तरह है
ख़ुद्दारी मिरे पास धरोहर की तरह है
इस मोड़ पे पहुँचा है कई साल गँवा कर
वो शख़्स भी क़िस्तों में बने घर की तरह है
आ जाएगा आसानी से अब मुझ को सँभलना
आदत तिरी मेरे लिए ठोकर की तरह है
आता है वही काम मुसीबत के दिनों में
फ़रज़ंद मिरे घर में भी लोफ़र की तरह हैं
(416) Peoples Rate This