मिरे ज़ौक़-ए-अदब को देर में आराम आएगा
कहीं पिछले पहर तक शाएरा का नाम आएगा
अभी तो सिलसिला है शायरों की बे-नवाई का
सुराही आएगी ख़ुम आएगा तब जाम आएगा
Faiz Ahmad Faiz
Habib Jalib
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