Ghazals of Peer Sher Mohammad Ajiz
नाम | पीर शेर मोहम्मद आजिज़ |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Peer Sher Mohammad Ajiz |
तिरे अबरू पे बल आया तो होता
न तो मैं हूर का मफ़्तूँ न परी का आशिक़
कौन कहता है तुम अदा न करो
जाता है कौन आप से जल्लाद की तरफ़
है ख़ाक-बसर सबा मिरे बा'द
ग़ुंचे को है तिरे दहन की हिर्स
बहार आई कर ऐ बाग़बाँ गुलाब क़लम
आए हैं बादा-नोश बड़ी आन-बान पर