Ghazals of Peer Nasiruddin Shah Naseer
नाम | पीर नसीरुद्दीन शाह नसीर |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Peer Nasiruddin Shah Naseer |
मिरी ज़ीस्त पर मसर्रत कभी थी न है न होगी
कभी उन का नाम लेना कभी उन की बात करना
दीन से दूर, न मज़हब से अलग बैठा हूँ
बिसात-ए-बज़्म उलट कर कहाँ गया साक़ी
अजीब मंज़र-ए-बाला-ए-बाम होता है