परविंदर शोख़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का परविंदर शोख़
नाम | परविंदर शोख़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Parvindar Shokh |
जन्म की तारीख | 1964 |
ज़रा सोचा तो क्या क्या ज़ेहन से मंज़र निकल आए
प्यासे को हर क़तरा सागर लगता है
लबों से आँख से रुख़्सार से क्या क्या नहीं करता
हुस्न की चारागरी ने एक करिश्मा कर दिया
हर-सू उस का चर्चा होने वाला है
गुज़र जाए जो आँखों से वो फिर मंज़र नहीं रहता
आज़माने ज़ीस्त की जब तल्ख़ियाँ आ जाएँगी