परवेज़ बज़्मी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का परवेज़ बज़्मी
नाम | परवेज़ बज़्मी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Parvez Bazmi |
वो ख़्वाब ख़्वाब फ़ज़ा वो नगर किसी का था
जागती आँखों में कैसे ख़्वाब दर आने लगे
धूप में बैठे हैं बच्चे हाथ में छागल लिए
बंद कमरे में हूँ और कोई दरीचा भी नहीं