परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़ (page 3)

परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़ (page 3)
नामपरवीन उम्म-ए-मुश्ताक़
अंग्रेज़ी नामParveen Umm-e-Mushtaq

करेंगे ज़ुल्म दुनिया पर ये बुत और आसमाँ कब तक

जो दिल मिरा नहीं मुझे उस दिल से क्या ग़रज़

जो चार आदमियों में गुनाह करते हैं

जिस तरह दो-जहाँ में ख़ुदा का नहीं शरीक

जाता रहा क़ल्ब से सारी ख़ुदाई का इश्क़

हिज्र में ग़म की चढ़ाई है इलाही तौबा

हज़ार शर्म करो वस्ल में हज़ार लिहाज़

है अपने क़त्ल की दिल-ए-मुज़्तर को इत्तिलाअ

ग़रीब आदमी को ठाट पादशाही का

दिल पुकारा फँस के कू-ए-यार में

दिल में तीर-ए-इश्क़ है और फ़र्क़ पर शमशीर-ए-इश्क़

दिल की चोरी में जो चश्म-ए-सुर्मा-सा पकड़ी गई

देखो तो ज़रा ग़ज़ब ख़ुदा का

बाज़ी पे दिल लगा है कोई दिल-लगी नहीं

बहुत से ज़मीं में दबाए गए हैं

बहुत ही साफ़-ओ-शफ़्फ़ाफ़ आ गया तक़दीर से काग़ज़

बहुत दिन दर्स-ए-उल्फ़त में कटे हैं

बदली हुई है चर्ख़ की रफ़्तार आज-कल

अब कोई तिरा मिस्ल नहीं नाज़-ओ-अदा में

Parveen Umm-e-Mushtaq Poetry in Hindi - Read Best Poetry, Ghazals & Nazams by Parveen Umm-e-Mushtaq including Sad Shayari, Hope Poetry, Inspirational Poetry, Sher SMS & Sufi Shayari in Hindi written by great Sufi Poet Parveen Umm-e-Mushtaq. Free Download all kind of Parveen Umm-e-Mushtaq Poetry in PDF. Best of Parveen Umm-e-Mushtaq Poetry in Hindi. Parveen Umm-e-Mushtaq Ghazals and Inspirational Nazams for Students.