दुश्मनों के साथ मेरे दोस्त भी आज़ाद हैं
देखना है खींचता है मुझ पे पहला तीर कौन
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जिज़्या
कुछ फ़ैसला तो हो कि किधर जाना चाहिए
रफ़ाक़तों के नए ख़्वाब ख़ुशनुमा हैं मगर
तू बदलता है तो बे-साख़्ता मेरी आँखें
बारिश हुई तो फूलों के तन चाक हो गए
गवाही कैसे टूटती मुआ'मला ख़ुदा का था
गुलाब हाथ में हो आँख में सितारा हो
टूटी है मेरी नींद मगर तुम को इस से क्या
लड़कियों के दुख अजब होते हैं सुख उस से अजीब
चाँद रात
जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे
इसी में ख़ुश हूँ मिरा दुख कोई तो सहता है