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दिल में इक दर्द निहाँ हो तो ग़ज़ल होती है - प्रकाश नाथ प्रवेज़ कविता - Darsaal

दिल में इक दर्द निहाँ हो तो ग़ज़ल होती है

दिल में इक दर्द निहाँ हो तो ग़ज़ल होती है

सैल-ए-जज़्बात रवाँ हो तो ग़ज़ल होती है

ग़म का एहसास जवाँ हो तो ग़ज़ल होती है

इश्क़ माइल ब फ़ुग़ाँ हो तो ग़ज़ल होती है

उन पे जब अपना गुमाँ हो तो निखरता है शुऊर

ख़ुद पे जब उन का गुमाँ हो तो ग़ज़ल होती है

मेरे दिल में जो निहाँ है वो ग़म-ए-बे-पायाँ

तेरी आँखों से अयाँ हो तो ग़ज़ल होती है

शब-ए-फ़ुर्क़त में सुलगते हुए अश्कों के तुफ़ैल

ज़िंदगी शो'ला-ब-जाँ हो तो ग़ज़ल होती है

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In Hindi By Famous Poet Parkash Nath Parvez. is written by Parkash Nath Parvez. Complete Poem in Hindi by Parkash Nath Parvez. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.