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जब कभी तेरी याद आई है - ओम प्रकाश बजाज कविता - Darsaal

जब कभी तेरी याद आई है

जब कभी तेरी याद आई है

हर कली दिल की मुस्कुराई है

दिल ने बस तेरी आरज़ू के तुफ़ैल

हर ख़ुशी ज़िंदगी की पाई है

सू-ए-तूफ़ाँ धकेल दी हम ने

नाव साहिल पे जब भी आई है

सिर्फ़ तुम हो मिरे ज़माने में

वर्ना हर शय यहाँ पराई है

खो के ख़ुद को तिरी मोहब्बत में

बे-ख़ुदी बे-पनाह पाई है

जादा-ए-मंज़िल-ए-मोहब्बत में

दिल ने सौ बार चोट खाई है

फूल कलियों का ज़िक्र कर के 'बजाज'

दास्ताँ तेरी ही सुनाई है

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In Hindi By Famous Poet Om Parkash Bajaj. is written by Om Parkash Bajaj. Complete Poem in Hindi by Om Parkash Bajaj. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.