Ghazals of Obaidullah Aleem (page 2)
नाम | उबैदुल्लाह अलीम |
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अंग्रेज़ी नाम | Obaidullah Aleem |
जन्म की तारीख | 1939 |
मौत की तिथि | 1998 |
जन्म स्थान | Pakistan |
जवानी क्या हुई इक रात की कहानी हुई
हम ने खुलने न दिया बे-सर-ओ-सामानी को
हिज्र करते या कोई वस्ल गुज़ारा करते
हर आवाज़ ज़मिस्तानी है हर जज़्बा ज़िंदानी है
हँसो तो रंग हूँ चेहरे का रोओ तो चश्म-ए-नम में हूँ
गुज़रो न इस तरह कि तमाशा नहीं हूँ मैं
एक मैं भी हूँ कुलह-दारों के बीच
दुखे हुए हैं हमें और अब दुखाओ मत
दिल ही थे हम दुखे हुए तुम ने दुखा लिया तो क्या
बना गुलाब तो काँटे चुभा गया इक शख़्स
बाहर का धन आता जाता असल ख़ज़ाना घर में है
अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाए
अज़ाब आए थे ऐसे कि फिर न घर से गए
अजीब थी वो अजब तरह चाहता था मैं
ऐसी तेज़ हवा और ऐसी रात नहीं देखी
अब तू हो किसी रंग में ज़ाहिर तो मुझे क्या
अब तो फ़िराक़-ए-सुब्ह में बुझने लगी हयात
आओ तुम ही करो मसीहाई