मशीनें काम अपना कर रही हैं
मशीनें काम अपना कर रही हैं
हमें भी अपने जैसा कर रही हैं
हज़ारों मील से आती हवाएँ
यहाँ कोहराम बरपा कर रही हैं
नई बैसाखियाँ अक्स ओ सदा की
हमारे क़द को ऊँचा कर रही हैं
सभी को ऊँघ सी आने लगी है
फ़ज़ाएँ जादू-टोना कर रही हैं
हमारा दिल तो हंगामों भरा था
यहाँ तन्हाइयाँ क्या कर रही हैं
ये ज़ालिम हँसने वाली हस्तियाँ हैं
फ़क़त रूमाल गीला कर रही हैं
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