सितारे आने लगे एहतिमाम करने को
सितारे आने लगे एहतिमाम करने को
ब-ज़िद है चाँद भी कुछ ताम-झाम करने को
चमन में बाद-ए-सबा कर रही है सरगोशी
वो आने वाले हैं दम भर क़याम करने को
सऊबतों से सफ़र की थका हुआ है वो
ख़मोशी चाहिए उस से कलाम करने को
सुना है तर्क-ए-तअल्लुक़ पे वो पशेमाँ है
कहा था किस ने ये क़िस्सा तमाम करने को
हमारे बीच में इक रब्त-ए-ग़ाएबाना है
नहीं ये बात ज़माने में आम करने को
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