नुसरत मेहदी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का नुसरत मेहदी
नाम | नुसरत मेहदी |
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अंग्रेज़ी नाम | Nusrat Mehdi |
पहले फ़न दस्त-ओ-गरेबाँ हैं कराँ-ता-ब-कराँ
यूँ गुज़र रहा है दिन कितने इम्तिहानों से
ये न समझो कि किसी दर्द के इज़हार में थी
यहाँ हवा के सिवा रात भर न था कोई
तीरगी बढ़ रही है बाहर की
सितारे आने लगे एहतिमाम करने को
सहरा सहरा भटक रही हूँ मैं
सब कुछ है अयाँ फिर भी है पर्दा मेरे आगे
रौशनी सी दिल के ज़ख़्मों में उतर आने को है
पत्थरों से दोस्ती क्या भा गई
जो मुश्किल रास्ते हैं उन को यूँ हमवार करना है
हर इक क़दम पे जो पुर्सान-ए-हाल चाहिए था
बुलंद अज़्म हो गया परों में काट आ गई
अपनी बे-चेहरगी भी देखा कर
अँधेरी रात को दिन के असर में रक्खा है
आप शायद भूल बैठे हैं यहाँ मैं भी तो हूँ
आजिज़ी आज है मुमकिन है न हो कल मुझ में