हक़ीक़त जिस जगह होती है ताबानी बताती है

हक़ीक़त जिस जगह होती है ताबानी बताती है

कोई पर्दे में होता है तो चिलमन जगमगाती है

वो आए भी नहीं और ज़िंदगी की रात जाती है

सहर होती है और शम-ए-तमन्ना झिलमिलाती है

सितारों का सहारा ले के धरती बैठ जाती है

फ़लक को देख कर जिस दम ग़रीबी मुस्कुराती है

मैं दामन थामता हूँ और अदा दामन छुड़ाती है

मोहब्बत है तो कुछ बे-गानगी भी पाई जाती है

मिरी नाकामी-ए-ग़म ज़ौक़-ए-हैरानी बनाती है

ये दुनिया दूर से मेरी नज़र में जगमगाती है

सुकूत-ए-वस्ल का लम्हा भी क्या बेदार-ख़्वाबी है

मोहब्बत जागती है और जवानी सोई जाती है

वो जब संजीदा होते हैं अदा अंगड़ाई लेती है

वो जब ख़ामोश होते हैं जवानी गुनगुनाती है

ज़माना है कि दिल-गीरी में अफ़्सुर्दा सा रहता है

तबीअत है कि ग़मगीनी में जौलानी पे आती है

हवा-ए-दामन-ए-निकहत-फ़ज़ा का वास्ता तुम को

ज़रा ठहरो चराग़-ए-ज़ीस्त की लौ थरथराती है

मुसलसल गुलशन-ए-हस्ती में काँटे उस ने बोए हैं

ये दुनिया फिर इन्हीं काँटों से क्यूँ दामन बचाती है

न ग़म फ़ुर्सत ही देता है न आँसू बंद होते हैं

बरसता जा रहा है मेंह बदली बनती जाती है

यही हस्ती 'नुशूर' इक रोज़ है अंजाम-ए-हस्ती भी

यही दुनिया किसी मंज़िल पे उक़्बा हो के आती है

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In Hindi By Famous Poet Nushur Wahidi. is written by Nushur Wahidi. Complete Poem in Hindi by Nushur Wahidi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.