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दोनों को आ सकीं न निभानी मोहब्बतें - नूरैन तलअत अरूबा कविता - Darsaal

दोनों को आ सकीं न निभानी मोहब्बतें

दोनों को आ सकीं न निभानी मोहब्बतें

अब पड़ रही हैं हम को भुलानी मोहब्बतें

सब सर-ब-सर फ़रेब हैं क्या उन का ए'तिबार

ये प्यार हुस्न इश्क़ जवानी मोहब्बतें

जाने वो आज कौन से रस्ते से आए घर

हर मोड़ हर गली में बिछानी मोहब्बतें

किन किन रफ़ाक़तों के दिए वास्ते मगर

उस को न याद आईं पुरानी मोहब्बतें

गुज़री रुतों के ज़ख़्म ही अब तक भरे नहीं

फिर और क्या किसी से बढ़ानी मोहब्बतें

या दिल की हालातों का बयाँ सब के सामने

या अपने आप से भी छुपानी मोहब्बतें

नफ़रत के वास्ते कभी फ़ुर्सत नहीं मिली

अपनी है मुख़्तसर सी कहानी मोहब्बतें

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In Hindi By Famous Poet Noorain Talat Arooba. is written by Noorain Talat Arooba. Complete Poem in Hindi by Noorain Talat Arooba. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.