नूर तक़ी नूर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का नूर तक़ी नूर
नाम | नूर तक़ी नूर |
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अंग्रेज़ी नाम | Noor Taqi Noor |
परिंदों में तो ये फ़िरक़ा-परस्ती भी नहीं देखी
तुझ से मिल जाने के इम्काँ हुए कैसे कैसे
तहज्जुद में वो रंग-ओ-बू रात भर
सोने के लब चाँदी के चेहरों में जड़े हैं
शायद कोई निगाह करे मेरी ज़ात पर
ख़ौफ़ की ऐसी न बीमारी लगे