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वो जिस ने मुझ को तड़पाया बहुत है - नूर एन साहिर कविता - Darsaal

वो जिस ने मुझ को तड़पाया बहुत है

वो जिस ने मुझ को तड़पाया बहुत है

मुझे वो शख़्स याद आया बहुत है

मोहब्बत की कटीली रहगुज़र में

ख़ुशी कम और ग़म पाया बहुत है

वो मुझ को छोड़ कर अपने किए पर

बहुत रोया है पछताया बहुत है

किसी का नाम सुनते वक़्त मुझ को

तुम्हारा नाम याद आया बहुत है

कई बरसों तलक ज़ालिम जहाँ ने

हमें मिलने को तरसाया बहुत है

मैं इस दिल को जलाना चाहता हूँ

मुझे इस दिल ने तड़पाया बहुत है

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In Hindi By Famous Poet Noor N Sahir. is written by Noor N Sahir. Complete Poem in Hindi by Noor N Sahir. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.