दिल के अंदर चलो तो अच्छा है
तुम मिरे घर चलो तो अच्छा है
एक अर्से से क़ैद हो घर में
आज बाहर चलो तो अच्छा है
दर-ब-दर कब तलक फिरोगे तुम
आओ अब घर चलो तो अच्छा है
आसमानों पे क्या चलोगे तुम
इस ज़मीं पर चलो तो अच्छा है
कह रहा है सुलगता सूरज 'नूर'
छाता ले कर चलो तो अच्छा है