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शायर-ए-दरमाँदा - नून मीम राशिद कविता - Darsaal

शायर-ए-दरमाँदा

ज़िंदगी तेरे लिए बिस्तर-ए-संजाब-ओ-समूर

और मेरे लिए अफ़रंग की दरयूज़ा-गरी

आफ़ियत-कोशी-ए-आबा के तुफ़ैल

मैं हूँ दरमाँदा-ओ-बे-चारा अदीब

ख़स्ता-ए-फ़िक्र-ए-मआश

पारा-ए-नान-ए-जवीं के लिए मोहताज हैं हम

मैं मिरे दोस्त मिरे सैकड़ों अरबाब-ए-वतन

यानी अफ़रंग के गुलज़ारों के फूल

तुझे इक शायर-ए-दरमाँदा की उम्मीद न थी

मुझ से जिस रोज़ सितारा तिरा वाबस्ता हुआ

तू समझती थी कि इक रोज़ मिरा ज़ेहन-ए-रसा

और मिरे इल्म-ओ-हुनर

बहर ओ बर से तिरी ज़ीनत के गुहर लाएँगे

मेरे रस्ते में जो हाइल हों मिरे तीरा-नसीब

क्यूँ दुआएँ तरी बे-कार न जाएँ

तेरे रातों के सुजूद और नियाज़

(उस का बाइस मिरा अल्हाद भी है)

ऐ मिरी शम्-ए-शबिस्तान-ए-वफ़ा

भूल जा मेरे लिए

ज़िंदगी ख़्वाब की आसूदा फ़रामोशी है

तुझे मालूम है मशरिक़ का ख़ुदा कोई नहीं

और अगर है तो सरा-पर्दा-ए-निस्याँ में है

तू ''मसर्रत'' है मिरी तू मिरी ''बेदारी'' है

मुझे आग़ोश में ले

दो ''अना'' मिल के जहाँ-सोज़ बनें

और जिस अहद की है तुझ को दुआओं में तलाश

आप ही आप हुवैदा हो जाए

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In Hindi By Famous Poet Noon Meem Rashid. is written by Noon Meem Rashid. Complete Poem in Hindi by Noon Meem Rashid. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.