मैं पस-ए-तर्क-ए-मोहब्बत किसी मुश्किल में नहीं

मैं पस-ए-तर्क-ए-मोहब्बत किसी मुश्किल में नहीं

दिल भी पहलू में नहीं दर्द भी अब दिल में नहीं

बुल-हवस चल दिए सब जान बचा कर अपनी

सिर्फ़ क़ातिल है कोई कूचा-ए-क़ातिल में नहीं

वक़्त मरने का जो आएगा तो मर जाऊँगा

मेरे नज़दीक ये मुश्किल कोई मुश्किल में नहीं

डूब कर पार उतरते हैं उतरने वाले

क़'अर-ए-दरिया का मज़ा दामन-ए-साहिल में नहीं

बस वही क़हर-ओ-ग़ज़ब बस वही आज़ार-ए-सितम

लुत्फ़ की बात कोई आप की महफ़िल में नहीं

भेज कर ख़त उन्हें बुलवाएँ मुहिब्बान-ए-सुख़न

कुछ भी महफ़िल में नहीं 'नूह' जो महफ़िल में नहीं

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In Hindi By Famous Poet Nooh Narvi. is written by Nooh Narvi. Complete Poem in Hindi by Nooh Narvi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.