Coupletss of Nooh Narvi (page 3)

Coupletss of Nooh Narvi (page 3)
नामनूह नारवी
अंग्रेज़ी नामNooh Narvi
जन्म की तारीख1879
मौत की तिथि1962

दिल जो दे कर किसी काफ़िर को परेशाँ हो जाए

दिल अपना कहीं ठहरे तो हम भी कहीं ठहरें

दिखाए पाँच आलम इक पयाम-ए-शौक़ ने मुझ को

दम जो निकला तो मुद्दआ निकला

चलो 'नूह' तुम को दिखा लाएँ तुम ने

चाहिए थी शम्अ इस तारीक घर के वास्ते

भरी महफ़िल में उन को छेड़ने की क्या ज़रूरत थी

बे-वज्ह मोहब्बत से नहीं बोल रहे हैं

बरसों रहे हैं आप हमारी निगाह में

बरहमन उस के हैं शैख़ उस के हैं राहिब उस के

बर्बाद-ए-वफ़ा हो कर मस्जूद-ए-जहाँ दिल हो

असीरान-ए-क़फ़स को वास्ता क्या इन झमेलों से

अश्कों के टपकने पर तस्दीक़ हुई उस की

अल्लाह-रे उन के हुस्न की मोजिज़-नुमाईयाँ

ऐ 'नूह' तौबा इश्क़ से कर ली थी आप ने

ऐ 'नूह' न तर्क-ए-शाएरी हो

ऐ 'नूह' खुल चले थे वो हम से शब-ए-विसाल

ऐ 'नूह' आते जाते हैं दोनों घरों में हम

ऐ दैर-ओ-हरम वालो तुम दिल की तरफ़ देखो

अदा आई जफ़ा आई ग़ुरूर आया हिजाब आया

अच्छे बुरे को वो अभी पहचानते नहीं

अभी उस क़यामत को मैं क्या कहूँ

आते आते राह पर वो आएँगे

आप जो कहते हैं सब हज़रत-ए-नासेह है बजा

आप आए बन पड़ी मेरे दिल-ए-नाशाद की

आज आएँगे कल आएँगे कल आएँगे आज आएँगे

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