नोमान फ़ारूक़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का नोमान फ़ारूक़
नाम | नोमान फ़ारूक़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Noman Farooq |
यूँ तो देखी हैं मिरे यार सभी की आँखें
ये अलग बात कि हम सा नहीं प्यासा कोई
उस की ख़ुश्बू की चाप सुनते ही
तिरी क़ुर्बत में जो रही होगी
सुनो दरिया की दुहाई साहब
ख़ुमार-ए-तिश्ना-लबी में ये काम कर आए
जब रखे पाँव उस ने पानी में
जब जब इस को सोचा है
जाने क्यूँ प्यास की चौखट पे वो आ बैठा है
जाने क्या ताज़ीर लगी है
जाने किस मोड़ जुदाई की घड़ी आती है
हिज्र का मौसम झेली हो
हवा की आँख में काजल नहीं है
हर कठिन मोड़ पे बनते हैं सहारे मेरे