सड़क के दोनों तरफ़ ख़ैरियत है
आसमान के एक किनारे से
दूसरे किनारे तक उड़ रही है
रंग-बिरंगी मौत
पतंगों की तरह बल खाती हुई
जिस की डोर
गली के मनचले लड़कों के हाथों में है
बिखरते चाँद की
अध-जली परछाईं से बने रथ पर सवार
झूमते हुए आते हैं आवारा कुत्ते
जो भौंकते हैं
कभी धीमी और कभी तेज़ आवाज़ में
समझदार लोग
खड़े हो जाते हैं सड़क के दोनों तरफ़
सर झुका कर
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