Coupletss of Nomaan Shauque
नाम | नोमान शौक़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Nomaan Shauque |
जन्म की तारीख | 1965 |
जन्म स्थान | Delhi |
ज़रा ये हाथ मेरे हाथ में दो
ये ख़्वाब कौन दिखाने लगा तरक़्क़ी के
वो तो कहिए आप की ख़ुशबू ने पहचाना मुझे
वो तंज़ को भी हुस्न-ए-तलब जान ख़ुश हुए
वो साँप जिस ने मुझे आज तक डसा भी नहीं
वो मेरे लम्स से महताब बन चुका होता
उस ने हँस कर हाथ छुड़ाया है अपना
उस का मिलना कोई मज़ाक़ है क्या
तुम तो सर्दी की हसीं धूप का चेहरा हो जिसे
तिरे बग़ैर कोई और इश्क़ हो कैसे
तौक़-ए-बदन उतार के फेंका ज़मीं से दूर
तबाह कर तो दूँ ज़ाहिर-परस्त दुनिया को
सुनाई देती है सात आसमाँ में गूँज अपनी
सुना है शोर से हल होंगे सारे मसअले इक दिन
सारे चक़माक़-बदन आए थे तय्यारी से
सैर-ए-दुनिया को जाते हो जाओ
सब जहाँगीर नियामों से निकल आएँगे
रूह की थाप न रोको कि क़यामत होगी
रोक दो ये रौशनी की तेज़ धार
रो रो के लोग कहते थे जाती रहेगी आँख
रेल देखी है कभी सीने पे चलने वाली
क़ाएदे बाज़ार के इस बार उल्टे हो गए
पूछो कि उस के ज़ेहन में नक़्शा भी है कोई
फूल वो रखता गया और मैं ने रोका तक नहीं
फिर इस मज़ाक़ को जम्हूरियत का नाम दिया
पाँव के नीचे से पहले खींच ली सारी ज़मीं
पहनते ख़ाक हैं ख़ाक ओढ़ते बिछाते हैं
नाम से उस के पुकारूँ ख़ुद को
नाम ही ले ले तुम्हारा कोई
मुझ को भी पहले-पहल अच्छे लगे थे ये गुलाब