Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_aef357d23f746f4aeff1206c9d840a1e, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
दिल के वीराने को महफ़िल की तरफ़ ले चलिए - नियाज़ हैदर कविता - Darsaal

दिल के वीराने को महफ़िल की तरफ़ ले चलिए

दिल के वीराने को महफ़िल की तरफ़ ले चलिए

क्यूँ समुंदर को न साहिल की तरफ़ ले चलिए

आश्ना राज़-ए-हक़ीक़त से तभी होंगे हम

हर हक़ीक़त को जो बातिल की तरफ़ ले चलिए

उस की तलवार की तारीफ़ सुनूँ मैं कब तक

पहले मुझ को मिरे क़ातिल की तरफ़ ले चलिए

मौत मंज़िल है मसीहा की तो फिर क्या कहना

ज़िंदगी को उसी महफ़िल की तरफ़ ले चलिए

काबा ओ दैर के गुमराहों का अंजाम ही क्या

यही बेहतर है उन्हें दिल की तरफ़ ले चलिए

लोग मुश्किल को जब आसानी की जानिब ले जाएँ

आप आसानी को मुश्किल की तरफ़ ले चलिए

सैर-ए-महताब बहुत ख़ूब सही फिर भी 'नियाज़'

दिल को महताब-ए-शमाइल की तरफ़ ले चलिए

(412) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Niyaz Haidar. is written by Niyaz Haidar. Complete Poem in Hindi by Niyaz Haidar. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.