Ghazals of Nishant Shrivastava Nayab
नाम | निशांत श्रीवास्तव नायाब |
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अंग्रेज़ी नाम | Nishant Shrivastava Nayab |
जन्म स्थान | Mumbai |
ज़ेर-ए-लब हम ने तिश्नगी कर ली
यूँ तो मेरा सफ़र था सहरा तक
यहाँ पर मिरा कुछ भी था ही नहीं
उन का दीदार मेरी क़िस्मत में
तेरे हिस्से का बच गया है कुछ
रौशनी का साथ महँगा पड़ गया है
मिला है अपने होने का निशाँ इक
मैं हवा के दोश पे रक्खा हुआ
हसरतों को न ज़ेहन रुस्वा करें
बढ़ गया मोल ज़िंदगानी का