निसार नासिक कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का निसार नासिक
नाम | निसार नासिक |
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अंग्रेज़ी नाम | Nisar Nasik |
जन्म की तारीख | 1943 |
जन्म स्थान | Rawalpindi |
कोया
चौथा क्वार्टर
ये ग़म भी है कि तेरे प्यार का दा'वा नहीं करता
शाइरी मेरी तपस्या लफ़्ज़ है बरगद मिरा
सँभल के देखा तो काँच सा जिस्म किर्चियों में बटा हुआ था
मुझ को बे-ख़्वाबी की टहनी पर सिसकते देखता रहता है वो
मुझे सँभाल मिरा हाथ थाम कर ले जा
मेरी अपनाई हुई क़द्रों ने ही नोचा मुझे
मैं किस की खोज में इस कर्ब से गुज़रता रहा
किस भरोसे पे निकलता घर से बाहर मैं अकेला
जो मेरे दिल में फ़रोज़ाँ है शाइरी की तरह
इस से पहले कि मुझे वक़्त अलाहिदा रख दे
बुझ गईं अक़्लों की आँखें गल गए जज़्बों के पर
आधी आधी रात तक सड़कों के चक्कर काटिए