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सैर-ए-बाज़ार-ए-जहाँ करते हुए हम को चला - नीलोफ़र अफ़ज़ल कविता - Darsaal

सैर-ए-बाज़ार-ए-जहाँ करते हुए हम को चला

सैर-ए-बाज़ार-ए-जहाँ करते हुए हम को चला

दिल की क़ीमत का पता फूल की अर्ज़ानी से

किन सितारों ने जड़ें पकड़ें सिफ़ाल-ए-नम में

शब-गज़ीदों की समावात में गुल-बानी से

क़ाफ़िले मिस्ल-ए-सबा दिल से गुज़र जाते हैं

कौन मिलता है भरी भीड़ में आसानी से

घर के होते हुए हम ऐसे सफ़र-बख़्त-नुजूम

मिलते आए हैं बहुत बे-सर-ओ-सामानी से

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In Hindi By Famous Poet Nilofar Afzal. is written by Nilofar Afzal. Complete Poem in Hindi by Nilofar Afzal. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.