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इक शख़्स जवाँ ख़ाक-बसर याद तो होगा - निहाल सेवहारवी कविता - Darsaal

इक शख़्स जवाँ ख़ाक-बसर याद तो होगा

इक शख़्स जवाँ ख़ाक-बसर याद तो होगा

वो अपनी निगाहों का असर याद तो होगा

वो धूम ज़माने में मिरे जोश-ए-जुनूँ की

वो ग़लग़ला-ए-शाम-ओ-सहर याद तो होगा

भूले तो न होगे वो तजल्ली की हिकायत

वो तज़किरा-ए-दाग़-ए-जिगर याद तो होगा

हर गाम पे वो हुस्न की पुर-होश निगाहें

वो इश्क़ का बद-मस्त सफ़र याद तो होगा

हर लम्हा वो दुनिया-ए-मोहब्बत में तग़य्युर

हर साँस में वो रंग-ए-दिगर याद तो होगा

वो दिल को तिरे हुस्न-ए-ख़ुद-आरा से तअ'ल्लुक़

वो ख़ाक से पैमान-ए-नज़र याद तो होगा

वो कारगाह-ए-दहर से इक बे-ख़बरी सी

वो ता'ना-ए-हर-अहल-ए-ख़बर याद तो होगा

वो दीद कि था रू-कश-ए-आराइश-ए-गीती

पहरों तरफ़-ए-राह-गुज़र याद तो होगा

वो इश्क़ के जज़्बात का भरपूर तलातुम

तूफ़ान की मौजों में गुज़र याद तो होगा

गुम-कर्दा सुकूँ पा के मुझे अपनी गली में

कहना वो तजाहुल से किधर याद तो होगा

भोली तो न होगी मिरी उल्फ़त की हक़ीक़त

मुद्दत का फ़साना है मगर याद तो होगा

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In Hindi By Famous Poet Nihal Sevharvi. is written by Nihal Sevharvi. Complete Poem in Hindi by Nihal Sevharvi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.