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हर चमकती क़ुर्बत में एक फ़ासला देखूँ - निदा फ़ाज़ली कविता - Darsaal

हर चमकती क़ुर्बत में एक फ़ासला देखूँ

हर चमकती क़ुर्बत में एक फ़ासला देखूँ

कौन आने वाला है किस का रास्ता देखूँ

शाम का धुँदलका है या उदास ममता है

भूली-बिसरी यादों से फूटती दुआ देखूँ

मस्जिदों में सज्दों की मिशअलें हुईं रौशन

बे-चराग़ गलियों में खेलता ख़ुदा देखूँ

लहर लहर पानी में डूबता हुआ सूरज

कौन मुझ में दर आया उठ के आइना देखूँ

लहलहाते मौसम में तेरा ज़िक्र-ए-शादाबी

शाख़ शाख़ पर तेरे नाम को हरा देखूँ

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In Hindi By Famous Poet Nida Fazli. is written by Nida Fazli. Complete Poem in Hindi by Nida Fazli. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.