निदा फ़ाज़ली कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का निदा फ़ाज़ली (page 6)
नाम | निदा फ़ाज़ली |
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अंग्रेज़ी नाम | Nida Fazli |
जन्म की तारीख | 1938 |
मौत की तिथि | 2016 |
जन्म स्थान | Mumbai |
कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई
कोशिश के बावजूद ये इल्ज़ाम रह गया
कोई नहीं है आने वाला फिर भी कोई आने को है
कोई किसी से ख़ुश हो और वो भी बारहा हो ये बात तो ग़लत है
कोई हंगामा उठाया जाए
किसी से ख़ुश है किसी से ख़फ़ा ख़फ़ा सा है
किसी भी शहर में जाओ कहीं क़याम करो
कठ-पुतली है या जीवन है जीते जाओ सोचो मत
काला अम्बर पीली धरती या अल्लाह
कच्चे बख़िये की तरह रिश्ते उधड़ जाते हैं
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
कभी कभी यूँ भी हम ने अपने जी को बहलाया है
जो हो इक बार वो हर बार हो ऐसा नहीं होता
जो भला है उसे बुरा मत कर
जितनी बुरी कही जाती है उतनी बुरी नहीं है दुनिया
जितनी बुरी कही जाती है उतनी बुरी नहीं है दुनिया
जिसे देखते ही ख़ुमारी लगे
जब से क़रीब हो के चले ज़िंदगी से हम
जब भी किसी ने ख़ुद को सदा दी
जाने वालों से राब्ता रखना
जाने वालों से राब्ता रखना
इंसान हैं हैवान यहाँ भी है वहाँ भी
हुए सब के जहाँ में एक जब अपना जहाँ और हम
हर तरफ़ हर जगह बे-शुमार आदमी
हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा
हर इक रस्ता अँधेरों में घिरा है
हर एक घर में दिया भी जले अनाज भी हो
हर एक बात को चुप-चाप क्यूँ सुना जाए
हर चमकती क़ुर्बत में एक फ़ासला देखूँ
गिरजा में मंदिरों में अज़ानों में बट गया