नैन तो बार बार भर जाएँ
कैसे नग़्मे बहार के गाएँ
तेरा एहसास खो गया हम से
अब तुझे ढूँडने कहाँ जाएँ
हाथ अपने लहूलुहान हुए
रंजिशें और कितनी सहलाएँ
रेशमी तार से बंधी थीं मगर
टूटती ही नहीं हैं आशाएँ
आप के ख़ूँ का रंग देख लिया
अब अदा-कारियाँ न दिखलाएँ
हम मोहब्बत के हो लिए साहब
आप अपनी दुकान पर जाएँ