कोई मो'जिज़ा हुआ है मिरी बे-ख़ुदी से आगे
कोई मो'जिज़ा हुआ है मिरी बे-ख़ुदी से आगे
तेरा ग़म निकल गया है मिरी हर ख़ुशी से आगे
मिरी प्यास का तराना यूँ समझ न आ सकेगा
मुझे आज सुन के देखो मिरी ख़ामोशी से आगे
मैं हूँ साँस साँस तन्हा मैं हूँ ज़र्रा ज़र्रा घायल
मुझे पास आ के देखो मिरी दिलकशी से आगे
वहीं कल भी फिर मिलेंगे जहाँ आज मिल रहे हैं
तेरी रौशनी के पीछे मिरी तीरगी से आगे
इसी डर से पढ़ न पाई मैं तिरा पयाम जानाँ
कहीं दिल को छू न जाए मिरी बेबसी से आगे
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