तू मेरे दौर का ईसा है
जिस ने क़ौम के सारे गुनाहों
सारी बुराइयों सारी सज़ाओं
को अपने कंधे पे उठा कर कूड़े खाए
हम सब चोर हैं
हम सब ज़ानी
हम सब रिश्वत-ख़ोर लुटेरे
फिर सब के हिस्से की सज़ा
तुम ने क्यूँ पाई
और हम चारों ओर खड़े
तेरा तमाशा देख रहे थे
जैसे तुम ने जुर्म किया था
और हम सारे पारसा थे