फूलों की ज़द में आ के कहीं जान से न जाए
मैं ने इसी ख़याल से तितली उड़ाई है
Allama Iqbal
Parveen Shakir
Mohsin Naqvi
Ahmad Faraz
Faiz Ahmad Faiz
Gulzar
Javed Akhtar
Anwar Masood
Jaun Eliya
Habib Jalib
Rahat Indori
Mir Taqi Mir
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(450) Peoples Rate This
मिरे सीने से लग कर देर तक रोती है तन्हाई
महव-ए-रक़्स-ए-विसाल था क्या था
च्यूंटियाँ
चिंगारियों का रक़्स
हलचल
गीली हिज्र की क़ब्रें
अपनी आँखें नहीं जलाऊंगी
दिल की उदासियों का कोई सबब नहीं है
गुनाह
ला-इल्मी
वजूद कर्ब से आगे
यूँ तो मोहब्बतों में बड़ी क़ुर्बतें रहीं