गुड़िया
खिलौना तो नहीं हूँ मैं
ना मिट्टी का कोई बुत हूँ
कि जब तुम हाथ को मोड़ो नहीं होगी मुझे तकलीफ़
कि जब तुम आँख को फोड़ो तो चीख़ें भी न निकलेंगी
बिना सोचे
बिना देखे मिरी शादी किसी गुड्डे से कर दोगे
मिरे सर में किसी भी नाम का सिंदूर भर दोगे
मुझे मुझ से बिना पूछे मुझी से दूर कर दोगे
सुनो ये जान लो तुम भी
सुनो ये जान लो तुम भी
मुरव्वत छोड़ दी मैं ने
जिसे गुड़िया समझते थे
वो गुड़िया तोड़ दी मैं ने
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