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पुर्सिश जो होगी तुझ से जल्लाद क्या करेगा - नज़्म तबा-तबाई कविता - Darsaal

पुर्सिश जो होगी तुझ से जल्लाद क्या करेगा

पुर्सिश जो होगी तुझ से जल्लाद क्या करेगा

ले ख़ून मैं ने बख़्शा तू याद क्या करेगा

हूँ दाम में पुर-अफ़्शाँ और सादगी से हैराँ

क्यूँ तेज़ की हैं छुरियाँ सय्याद क्या करेगा

ज़ालिम ये सोच कर अब देता है बोसा-ए-लब

जब होंट सी दिए फिर फ़रियाद क्या करेगा

ज़ंजीर तार-ए-दामाँ है तौक़ इक गरेबाँ

ज़ोर-ए-जुनूँ न कम हो हद्दाद क्या करेगा

हम डूब कर मरेंगे हसरत रहेगी तुझ को

जब ख़ाक ही न होगी बर्बाद क्या करेगा

याक़ूब क़त्अ कर दें उम्मीद-ए-वस्ल दिल से

यूसुफ़ सा बंदा कोई आज़ाद क्या करेगा

दिल ले के पूछता है तू किस का शेफ़्ता है

भूला अभी से ज़ालिम फिर याद क्या करेगा

ऐ ख़त्त-ए-ब्याज़ आरिज़ दरकार है जो तुझ को

तहरीर हुस्न की कुछ रूदाद क्या करेगा

कुंज-ए-क़फ़स से इक दिन होगी रिहाई अपनी

मर जाएँगे तो आख़िर सय्याद किया करेगा

मिस्ल-ए-सिपंद दिल है बेताब सोज़-ए-ग़म में

रह जाएगा तड़प कर फ़रियाद क्या करेगा

ऐ शैख़ भर गया है क्यूँ वाज़ की हवा में

रीश-ए-सफ़ेद अपनी बर्बाद क्या करेगा

ज़ुल्म-ओ-सितम से भी अब ज़ालिम ने हाथ खींचा

इस से सितम वो बढ़ कर ईजाद क्या करेगा

अज़-बस-कि बे-हुनर हूँ मैं नंग-ए-मो'तरिज़ हूँ

मज़मूँ पे मेरे कोई ईराद क्या करेगा

ऐ ''नज़्म'' जिस को चाहे वो दे बहिश्त दोज़ख़

नमरूद क्या करेगा शद्दाद क्या करेगा

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In Hindi By Famous Poet Nazm Tabaa-tabaa.ii. is written by Nazm Tabaa-tabaa.ii. Complete Poem in Hindi by Nazm Tabaa-tabaa.ii. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.