Ghazals of Nazir Siddiqi
नाम | नाज़िर सिद्दीक़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Nazir Siddiqi |
जन्म की तारीख | 1930 |
तलातुम-ख़ेज़ मंज़र हो गई हैं
शाख़ पे चिड़िया गाती है
सवाद-ए-शाम-ए-ग़म में यूँ तो देर तक जला चराग़
मक़्तल से मेरा कासा-ए-सर कौन ले गया
मंज़िल के दूर दूर तक आसार तक भी नहीं
कर लिया महफ़ूज़ ख़ुद को राएगाँ होते हुए
घर से अब बाहर निकलने में भी घबराते हैं हम
फ़ज़ा-ए-तीरा-शबी का हिसाब करना है
फ़सील-ए-जाँ पे रक्खी थी न बाम-ओ-दर पे रक्खी थी