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लज़्ज़त-ए-ख़्वाब दे गए हुस्न-ए-ख़याल दे गए - नज़ीर सिद्दीक़ी कविता - Darsaal

लज़्ज़त-ए-ख़्वाब दे गए हुस्न-ए-ख़याल दे गए

लज़्ज़त-ए-ख़्वाब दे गए हुस्न-ए-ख़याल दे गए

एक झलक में इतना कुछ अहल-ए-जमाल दे गए

आए तो दिल था बाग़ बाग़ और गए तो दाग़ दाग़

कितनी ख़ुशी वो लाए थे कितना मलाल दे गए

दीदा-वरों की राह पर कौन हुआ है गामज़न

वो मगर अपनी ज़ात से एक मिसाल दे गए

इस से ज़ियादा राहज़न करते भी मुझ पे क्या सितम

माल-ओ-मनाल ले गए फ़िक्र-ए-मआल दे गए

अहल-ए-कमाल को 'नज़ीर' अहल-ए-जहाँ ने क्या दिया

अहल-ए-जहाँ को क्या नहीं अहल-ए-कमाल दे गए

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In Hindi By Famous Poet Nazeer Siddiqui. is written by Nazeer Siddiqui. Complete Poem in Hindi by Nazeer Siddiqui. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.