Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_c659cf7cbf821f4cce1f6ecb76db01e7, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
माहौल - नज़ीर मिर्ज़ा बर्लास कविता - Darsaal

माहौल

अब सितारों में जवानी नहीं रक़्साँ कोई

चाँद के नूर में नग़्मात के सैलाब नहीं

दिल में बाक़ी नहीं उमडा हुआ तूफ़ाँ कोई

रूह अब हुस्न उचक लेने को बेताब नहीं

अब फ़रोज़ाँ सी नहीं क़ौस-ए-क़ुज़ह की राहें

इन्ही राहों से उफ़ुक़ पार से घूम आते थे

मुंतज़िर अब नहीं फ़ितरत की गुलाबी बाहें

हम जिन्हें जा के शफ़क़-ज़ार से चूम आते थे

अब घटाओं में नहीं हौसले रिंदाना से

अब फ़ज़ाओं में हैं वलवले दीवाना से

रूह एहसास की तल्ख़ी से बुझी जाती है

ऐसे माहौल के ज़िंदाँ से रिहा कर मुझ को

वही पहले से हसीं ख़्वाब अता कर मुझ को

(343) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Nazeer Mirza Barlas. is written by Nazeer Mirza Barlas. Complete Poem in Hindi by Nazeer Mirza Barlas. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.