देख कर कुर्ती गले में सब्ज़ धानी आप की
देख कर कुर्ती गले में सब्ज़ धानी आप की
धान के भी खेत ने अब आन मानी आप की
क्या तअज्जुब है अगर देखे तो मुर्दा जी उठे
चैन नेफ़े की ढलक पेड़ू पे आनी आप की
हम तो क्या हैं दिल फ़रिश्ते का भी काफ़िर छीन ले
टुक झलक दिखला के फिर अंगिया छुपानी आप की
आ पड़े दो सौ बरस के मुर्दा-ए-बे-जाँ में जान
जिस के ऊपर दो घड़ी हो मेहरबानी आप की
छल्ले ग़ैरों पास तो वो ख़ातम-ए-ज़र ऐ निगार
है हमारे पास भी अब तक निशानी आप की
वक़्त तो जाता रहा पर बात बाक़ी रह गई
है ये झूटी दोस्ती अब हम ने जानी आप की
क्या अजब सूरत रक़ीब-ए-रू-सियह की देख कर
ख़ौफ़ से हालत हुई हो पानी पानी आप की
एक आलम कोहकन की तरह सर फोड़ेगा अब
गर इसी सूरत रही शीरीं-ज़बानी आप की
क्या हमें लगती है प्यारी जब वो कहती है 'नज़ीर'
है मियाँ कुछ इन दिनों ना-मेहरबानी आप की
(348) Peoples Rate This