नज़र जावेद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का नज़र जावेद
नाम | नज़र जावेद |
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अंग्रेज़ी नाम | Nazar Javed |
ज़िंदा रहने के तक़ाज़ों ने मुझे मार दिया
ये तो ऐ 'जावेद' गुज़रे मौसमों की राख है
वार हर एक मिरे ज़ख़्म का हामिल आया
मिट्टी की आवाज़ सुनी जब मिट्टी ने
वार हर एक मिरे ज़ख़्म का हामिल आया
पुराने अक्स कर के रद हमारे
हम यूँही बिखरे नहीं हर-सू ख़स-ओ-ख़ाशाक में
अपने होने की अर्ज़ानी ख़त्म हुई