Nazam Poetry (page 84)
बे-दुआ लम्हे
मुनीर अहमद फ़िरदौस
बंद दरीचों में ज़िंदगी
मुनीर अहमद फ़िरदौस
आईने से झाँकती बे-चेहरगी
मुनीर अहमद फ़िरदौस
(2) बे-चेहरगी
मुनीर अहमद फ़िरदौस
(2) पार्लियामेंट
मुनीर अहमद फ़िरदौस
(1) पार्लियामेंट
मुनीर अहमद फ़िरदौस
(1) बे-चेहरगी
मुनीर अहमद फ़िरदौस
याद
मुनीबुर्रहमान
तुम अपने ख़्वाब घर पर छोड़ आओ
मुनीबुर्रहमान
सूखा पेड़
मुनीबुर्रहमान
शहर गुमनाम
मुनीबुर्रहमान
संथाली नाच
मुनीबुर्रहमान
समुंदर और मैं
मुनीबुर्रहमान
रौशनी के मीनार
मुनीबुर्रहमान
रफ़्तगाँ
मुनीबुर्रहमान
पगडंडी
मुनीबुर्रहमान
नक़ली फूल
मुनीबुर्रहमान
नाम का पत्थर
मुनीबुर्रहमान
नगर नगर
मुनीबुर्रहमान
मुकाफ़ात
मुनीबुर्रहमान
मुझे रोने दो
मुनीबुर्रहमान
मैं तुम्हारे लिए ठहरूँगा
मुनीबुर्रहमान
किताब का फूल
मुनीबुर्रहमान
ख़ान-ए-मतरूक
मुनीबुर्रहमान
हिन्दोस्तान में उर्दू
मुनीबुर्रहमान
गुज़रा हुआ दिन
मुनीबुर्रहमान
दीवाना
मुनीबुर्रहमान
बुलबुलों के महल
मुनीबुर्रहमान
भूक
मुनीबुर्रहमान
बाज़-दीद
मुनीबुर्रहमान